यूक्रेन को हथियार देने को लेकर अमेरिका का बड़ा एलान: ट्रंप ने हटाई रोक, फिर शुरू होगी सैन्य मदद

July 11, 2025
यूक्रेन को हथियार देने को लेकर अमेरिका का बड़ा एलान: ट्रंप ने हटाई रोक, फिर शुरू होगी सैन्य मदद

यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच अमेरिका ने एक बड़ा फैसला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को सैन्य सहायता देने पर लगी रोक को हटाते हुए, अब उसे और अधिक हथियार भेजने का एलान किया है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेन पर रूसी हमले तेज़ हो गए हैं।

हथियारों की आपूर्ति पर लगी रोक हटी

पिछले कुछ समय से अमेरिका ने अपने सैन्य भंडारों में कमी का हवाला देते हुए यूक्रेन को कुछ महत्वपूर्ण हथियारों की डिलीवरी पर अस्थायी रोक लगा दी थी। इस फैसले से यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी देशों में चिंता बढ़ गई थी। हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने अब इस रुख को पलट दिया है।

ट्रंप ने सोमवार को (स्थानीय समयानुसार) कहा, "हमें और हथियार भेजने होंगे। उन्हें अपना बचाव करने में सक्षम होना होगा। उन पर बहुत कड़ा हमला हो रहा है। इस युद्ध में बहुत से लोग मर रहे हैं।" उनके इस बयान से स्पष्ट है कि यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और रूस के बढ़ते हमलों ने उन्हें यह फैसला लेने पर मजबूर किया है।

कौन से हथियार मिलेंगे और कैसे होगी आपूर्ति?

माना जा रहा है कि इस नई खेप में पैट्रियट मिसाइल सिस्टम, सटीक गाइडेड मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (GMLRS), 155mm आर्टिलरी शेल्स और हेलफायर मिसाइलें जैसे महत्वपूर्ण रक्षा उपकरण शामिल हो सकते हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यह नया पैकेज लगभग 300 मिलियन डॉलर (लगभग 2500 करोड़ रुपये) का हो सकता है।

ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका नाटो (NATO) के माध्यम से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करेगा, और नाटो इन हथियारों की पूरी लागत की प्रतिपूर्ति कर सकता है। इसके अलावा, वह राष्ट्रपति ड्रॉडाउन अथॉरिटी (Presidential Drawdown Authority) का उपयोग करके सीधे अमेरिकी स्टॉकपाइल से भी हथियार भेज सकते हैं।

रूसी हमलों में तेजी और ट्रंप की प्रतिक्रिया

यह फैसला यूक्रेन के कई शहरों पर रूस के हालिया बड़े हवाई हमलों के बाद आया है, जिसे यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला बताया था। ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भी आलोचना की है, यह सुझाव देते हुए कि पुतिन अनावश्यक रूप से युद्ध को लंबा खींच रहे हैं। अमेरिका का यह कदम निश्चित रूप से रूस की चिंताएं बढ़ाएगा और युद्ध के मैदान में समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।∎

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