नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की बैठक में नई दरों पर सहमति बनने के बाद राजनीतिक दलों के बीच इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है। कांग्रेस का दावा है कि वह लंबे समय से जीएसटी में सुधार की मांग कर रही थी, जबकि सत्ताधारी बीजेपी इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का परिणाम बता रही है।
बीजेपी का दावा: 'मोदी सरकार ने जीता राज्यों का भरोसा'
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया प्रधानमंत्री मोदी के आने से पहले से चल रही थी, लेकिन उस समय की केंद्र सरकार पर राज्यों का भरोसा नहीं था। उन्होंने कहा, "मोदी जी के आने के बाद हमने सभी राज्यों का भरोसा जीता और जीएसटी लागू किया। हमने इसे आठ साल तक सफलतापूर्वक चलाया भी।"
#WATCH | Delhi: On Opposition raising questions on the #GSTReforms, Union MoS Finance Pankaj Chaudhary says, "The process of implementing GST was going on before Prime Minister Modi came to power. But somewhere, due to a lack of trust of all the states in the Government of India,… pic.twitter.com/zHVlUSPpr0
— ANI (@ANI) September 4, 2025
चौधरी ने यह भी कहा कि 'न्यू जेनरेशन रिफॉर्म्स' पर सरकार एक साल से काम कर रही थी, जिसके बाद जीएसटी को और आसान बनाने का निर्णय लिया गया।
कांग्रेस का पलटवार: '8 साल से हमारी बात अनसुनी की गई'
कांग्रेस ने सरकार के इस कदम को अपनी लगातार वकालत का परिणाम बताया है। कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, "हम पिछले 8 साल से जीएसटी की संरचना और दरों के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे, लेकिन हमारी अपीलों को अनसुना कर दिया गया।"
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "कांग्रेस लंबे समय से जीएसटी 2.0 की वकालत करती रही है।"
यह देखना दिलचस्प होगा कि जीएसटी के इस बड़े सुधार का श्रेय अंततः किस दल को मिलता है, क्योंकि दोनों ही इसे अपनी जीत बता रहे हैं।