Sanchar Saathi: सरकारी एप जल्द ही आएगा आपके फोन में

December 01, 2025
Sanchar Saathi: सरकारी एप जल्द ही आएगा आपके फोन में

आपके फोन में आने वाला है एक सरकारी एप, इस एप को आप डिलीट कर पाएंगे। सभी मोबाईल कॉम्पनियों को इस एप को अपने सभी नए पुराने फोन में डालने को कहा जाएगा। इस एप को सरकार ने नागरिक की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए बनाया है, इस एप से यूजर की साइबर सेफ़्टी बढ़ेगी। सरकार ने आदेश दिया है कि देश में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में सरकार का साइबर सेफ्टी ऐप पहले से इंस्टॉल होना जरूरी है। यानी यूजर इस ऐप को न तो हटाने पाएंगे और न ही बंद कर सकेंगे।

यह कदम देश में बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड, फर्जी नम्बर और चोरी हुए मोबाइल नेटवर्क के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए जरूरी है।

सरकारी आदेश !

सरकार  ने एक आदेश जारी किया है जिसमें आदेश है कि टेलीकॉम मंत्रालय द्वारा मोबाईल कॉम्पनियों को 90 दिन का समय दिया गया है, इन 90 दिनों के भीतर ही यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकार का 'Sanchar saathi' एप सभी नए फोन में पहले से मौजूद हो। जैसे की ऊपर बताया गया है आप इसे किसी भी तरह से फोन से डिलीट नहीं कर सकेंगे। बता दें की यह आदेश फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है। कुछ कॉम्पनियों को निजी तौर पर भेजा गया है।

इन कॉम्पनियों पर पड़ने वाला है असर

भारत में Samsung, Apple, Vivo, Oppo, Xiaomi जैसे बड़े ब्रैंड्स पर पड़ेगा। इन कॉम्पनियों के अकेले यूसर्स भी लाखों हैं।  इसलिए अगर यह नियम लागू होता है तो इसका असर करोड़ों यूजर्स पर पड़ेगा। कंपनियों को नए फोन के साथ-साथ पहले से बाजार में मौजूद डिवाइसेज में भी सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इस ऐप को भेजने का निर्देश दिया गया है।

पुराने फोन में कैसे आएगा?

दुकानों/शोरूम्स में रखे हुए फोनों भी यह ऐप अपडेट के जरिए इंस्टॉल किया जाएगा। यानी आने वाले समय में आपका फोन अपने आप अपडेट होकर इस सरकारी ऐप को इंस्टॉल कर सकता है, भले ही आपने नया फोन न खरीदा हो। यह बदलाव धीरे-धीरे सभी यूजर्स तक पहुंचेगा।

इतने बड़े बदलाव की क्या ज़रूरत?

सरकार का कहना है कि नकली या क्लोन किए गए IMEI नंबर नेटवर्क के लिए अब खतरा बन चुके हैं। इन्हीं फर्जी IMEI की वजह से कई साइबर फ्रॉड और अपराध बहुत आसानी से हो रहे हैं। 'Sanchar Saathi' ऐप की मदद से इन गड़बड़ियों पर काबू पाना आसान होगा...

'Sanchar Saathi' क्या करता है?

इस एप में यूजर के लिए बहुत सारे ऐसे फीचर्स हैं जिससे व्यक्ति की निजी सुरक्षा का स्तर एक लेवल ऊपर जाएगा। यह सरकारी ऐप यूजर्स को संदिग्ध कॉल की शिकायत करने, मोबाइल के IMEI नंबर को जांचने और चोरी या गुम हो चुके फोन को ब्लॉक करने की सुविधा देता है। आपको बता दें कि आप इस एप को आप गूगल प्लेसटोर से डाउनलोड कर सकते हैं। प्लेसटोर डाटा के मुताबिक इस सरकारी एप को अभी तक 50 लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। अब तक करीब 37 लाख चोरी या गुम हुए मोबाइल ब्लॉक किए जा चुके हैं और 3 करोड़ से ज्यादा फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए जा चुके हैं। इन आंकड़ों को दिखाकर सरकार इस ऐप की उपयोगिता को मजबूत तर्क के तौर पर पेश कर रही है।

Apple की आपत्ति

Apple अपनी प्राइवसी को लेकर खास तौर से जाना जाता है, यह किसी भी थर्ड पार्टी एप को पहले से इंस्टॉल करके देने के सख्त खिलाफ है। अब तक किसी भी देश में सरकार के ऐप को फोन में पहले से इंस्टॉल करने की अनुमति नहीं देता रहा है। Apple कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक, किसी भी थर्ड पार्टी ऐप को बिना यूजर की मंजूरी के फोन में नहीं डाला जा सकता। इसी वजह से Apple और सरकार के बीच इस मुद्दे पर खींचतान की स्थिति बन गई है। अब देखना होगा कि Apple अपनी पॉलिसी भारत के लिए बदलेगा या इसका कॉम्पनी को बड़ा खमियाज़ा भुगतना होगा!

यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा?

माना जा रहा है कि पहले से इंस्टॉल इस एप से लोगों की निजी जानकारी को खतरा हो सकता है। ये आप व्यक्ति की निजता पर संकट का सवाल खड़ा करता है। हालांकि सरकार से ओर से ये साफ किया गया है कि एप का मकसद व्यक्ति की निजी जानकारी को या उसके डाटा पर निगरानी करना नहीं है।

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