हाल के दिनों में इंडिगो की सेवाओं को लेकर यात्रियों में भारी असंतोष और सोशल मीडिया पर गुस्से का माहौल रहा है। बीते दिनों में इंडिगो की कई फ्लाइट रद्द हो रही है, जिसकी कई रूप में आलोचना की जा रही है, इन उड़ानों एक रद्द होने की कई मुख्य कारण स्पष्ट किए जा रहे हैं। सबसे पहला कारण बताया जा रहा है कि इंडिगो के पास अब पायलट की कमी है, DGCA ने पायलटों के साप्ताहिक अनिवार्य आराम समय (Mandatory Rest Period) को बढ़ा दिया है और रात में लैंडिंग की अधिकतम संख्या को कम कर दिया है। इंडिगो, जो देश में सबसे ज़्यादा उड़ानें संचालित करती है और रात की उड़ानों पर बहुत ज़्यादा निर्भर है, समय पर पर्याप्त अतिरिक्त पायलटों की भर्ती या प्रशिक्षण नहीं कर पाई। नतीजा यह की कई पायलट कानूनी रूप से अपनी ड्यूटी करने के लिए उपलब्ध नहीं है।
इसी सब की वजह से यहाँ एक डामिनो इफेक्ट बन गया, इंडिगो एक बहुत बड़ा फ्लाइट नेटवर्क है, इंडिगो लगभग 2200 उड़ाने प्रतिदिन, जिससे अगर सुबह की एक फ्लाइट कुछ मिनट भी देरी से उतड़ती है तो बाद में ये डेले घंटों में तब्दील हो जाता है।
मिनिस्ट्री ऑफ़ सिविल एविएशन (नागर विमानन मंत्रालय) ने इंडिगो को यात्रियों को पेंडिंग रिफ़ंड बिना किसी देरी के देने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि सभी कैंसिल या प्रभावित उड़ानों के लिए रिफ़ंड प्रक्रिया रविवार, 7 दिसंबर 2025 को रात 8:00 बजे तक पूरी हो जानी चाहिए।
एयरलाइंस को यह भी निर्देश दिया है कि जिन यात्रियों के ट्रैवल प्लान फ़्लाइट कैंसल होने से प्रभावित हुए हैं, उनसे कोई रीशेड्यूलिंग चार्ज न लिया जाए।मंत्रालय ने साफ़ किया है कि रिफ़ंड की प्रक्रिया में किसी भी देरी या नियमों का पालन न करने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
इंडिगो ने बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने और देरी के बाद शुक्रवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर माफ़ी मांगते हुए एक बयान जारी किया है। एयरलाइन ने भरोसा दिलाया है कि रद्द हुई उड़ानों के बाद सभी यात्रियों को जल्द ही रिफ़ंड कर दिया जाएगा।