कैल्शियम हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूर है लेकिन क्या आपको पता है भारत में महिलाओं के शरीर में इस तत्व की कमी ही सबसे ज्यादा पाई जाती है। जी हां, कैल्शियम और विटामिन बी-12 दो ऐसे महत्वपूर्ण पौष्टिक गुण है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं लेकिन उन्हीं की कमी भी देश में स्वास्थ्य संकट बन रही है।
कैल्शियम की बात की जाए, तो इसकी कमी महिलाओं के शरीर में बचपन से ही होती है, लेकिन वो इन्हें लंबे समय तक नजरअंदाज करती रहती है।
कैल्शियम एक जरूरी कंपोनेंट है, जो हमारी बॉडी को स्थिर रहने और काम करने में मदद करती है। अगर महिला इसकी कमी से जूझती है, तो उसे हड्डियों और मांसपेशियों में कमजोरी तो होगी ही लेकिन उन्हें इसके साथ-साथ प्रेग्नेंसी में भी दिक्कत हो सकती है। इसलिए, उन्हें शरीर में इसकी कमी को लेकर जांच करवाते रहना चाहिए।
महिलाओं को इसकी कमी बचपन से ही होने लगती है। इस वजह से यह बड़े होने के बाद ज्यादा दिक्कत देती है। कई बार कैल्शियम की कमी होने से इनके शरीर में विटामिन-डी भी कम हो जाता है।
धूप हमें विटामिन-डी देता है, जो कैल्शियम को बढ़ाने में भूमिका निभाता है। कई बार बच्चे या लड़कियां आउटडोर गेम्स से खेलने में रूची नहीं दिखाती है क्योंकि वे थकान महसूस करती है, जो बताता है कि उसका शरीर किसी तत्व की कमी से गुजर रहा है।
अपने आहार में प्रतिदिन कोई न कोई डेयरी उत्पाद ले, सैलरी के पत्ते खाएं, अंजीर, ब्रोकोली, सहजन की फलियां और साग रागी का आटा और नट्स को शामिल करें।