महेश लांगा को मिली अंतरिम जमानत, अहमदाबाद कोर्ट मे रोज़ाना होगी सुनवाई

December 15, 2025
महेश लांगा

'द हिन्दू' अखबार से जुड़े महेश लांगा के खिलाफ मनी लौंदरिंग का मामला दर्ज है, बताया जा रहा है की इस मामले में उन 15 दिसंबर 2025 सोमवार को अंतरिम जमानत मिली है, अब उनका केस अहमदाबाद की विशेष अदालत को इस मामले पर रोज़ाना सुनवाई (Day-to-day Hearing) करने का सख्त निर्देश दिया है।

जानकारी के अनुसार ये मामला प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate - ED) का है, की ओर से दर्ज कथित वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।

ED का कथित आरोप है की महेश ने कुछ बैंकों अधिकारियों और कॉर्पोरेट समूह के बीच मध्यस्तता बनाने में मदद की, जिससे काले धन को वैध बनाने (Money Laundering) में मदद मिली। दूसरी और पत्रकार की टीम ने इसे महेश के काम में बाधा डालना बताया है, सभी आरोपों को बिल्कुल निराधार बताया है।

(ED)एसजी मेहता ने ज़मानत का सख्त विरोध करते हुए कहा, "पत्रकारों द्वारा पैसे की उगाही (Extortion) करना, यह कहते हुए कि अगर आप पैसे नहीं देंगे तो मैं आपके खिलाफ लिखूंगा, एक गंभीर अपराध है।"

कपिल सिब्बल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा, "उद्योगपतियों द्वारा पत्रकारों को निशाना बनाना भी गंभीर है।" उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल कथित रकम ₹1 करोड़ की सीमा पार नहीं करती (हालांकि इस पर ED ने असहमति जताई)

लांगा को ED ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था और उनकी ज़मानत याचिका निचली अदालतों में पहले खारिज हो चुकी थी।

जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने मामले के गंभीरता को समझते हुए फैसले दिए है कि जल्द निपटारे और साथ ही मीडिया में खुद लांगा इस मामले पर कोई भी लेख नहीं लिखेंगे। दरअसल, इस मामले को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए उन्होंने PMLA को इसकी रोज़ाना सुनवाई करने का आदेश दिया है, साथ ही अंतरिम जमानत देते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि वे खुद अपने खिलाफ इस मामले पर अखबार में कोई लेख नहीं लिख सकते। लांगा की इस अंतरिम जमानत पर पूरी पत्रकार समुदाय ने एक राहत की संस ली है लांगा को अंतरिम ज़मानत मिलने पर पत्रकार समुदाय और प्रेस की स्वतंत्रता के पैरोकारों ने राहत की साँस ली है। कई संगठनों ने पहले ED की कार्रवाई को "लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला" बताया था और आरोप लगाया था कि खोजी पत्रकारिता (Investigative Journalism) करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है।

इस अंतरिम ज़मानत से लांगा को कानूनी लड़ाई जारी रखने के लिए अस्थायी स्वतंत्रता मिली है, जबकि विशेष अदालत में रोज़ाना सुनवाई से अब इस मामले के जल्द निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद है।

अदालत की पूर्व टिप्पणी,  सितंबर 2025 में लांगा की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए कहा था, "वह किस प्रकार के पत्रकार हैं? सम्मान के साथ कहना पड़ता है कि कुछ बहुत ईमानदार पत्रकार होते हैं, लेकिन कुछ लोग स्कूटर पर घूमते हुए कहते हैं हम 'पत्रकार' हैं और वे वास्तव में क्या करते हैं, सब जानते हैं।"

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