भारत में बढ़ते साइबर क्राइम को मद्देनजर रखते हुए, भारत सरकर की ओर से एक सरकारी आदेश द्वारा एक सरकारी ऐप लॉन्च कीयअ गया है, जिसे सभी नए पुराने फोन में डाला जाएगा, यह ऐप आपके निजी डाटा पर निगरानी रखे बिना आपके फोन को साइबर क्राइम से दूर रखेगा। सरकार ने इस ऐप को अभी कुछ कंपनियों के साथ साझा किया है और आदेश दिया की वे इस आदेश का पालन करें। इस सब की प्रतिक्रिया में अब विपक्ष की ओर से कई बयान आ रहे है, कुछ घंटे पहले भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के मोबाइल फ़ोन में संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल कराने के निर्देशों पर संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्टीकरण दिया है।
उनका कहना है कि ये ऐप अगर आप अपने मोबाइल में नहीं रखना चाहते हैं तो इसे हटा सकते हैं यानी डिलीट कर सकते हैं।
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#WATCH | Delhi | On the debate around Sanchar Saathi app, Union Minister for Communications Jyotiraditya Scindia says, "When the opposition has no issues, and they are trying to find some, we cannot help them. Our duty is to help the consumers and ensure their safety. The Sanchar… https://t.co/Kr3juNrGFq pic.twitter.com/npwm9R1Kf2
— ANI (@ANI) December 2, 2025
ऐप को लेकर उठे विवाद के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "अगर आप इस ऐप का इस्तेमाल नहीं करना चाहते, तो रजिस्टर मत करो और डिलीट करना है तो डिलीट कर लो।"
साथ ही उन्होंने कहा, "लेकिन देश में हर व्यक्ति को नहीं मालूम कि ये ऐप फ्रॉड से बचाने, चोरी से बचाने के लिए है। हर व्यक्ति तक ये ऐप पहुंचाना हमारी ज़िम्मेदारी है।"
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह स्पष्ट किया कि अगर इस ऐप पर 'आप रजिस्टर करोगे तभी एक्टिव होगा अगर नहीं करोगे तो नहीं होगा'।
विपक्ष की ओर से इस ऐप को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर उन्होंने कहा, "विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं होता और विपक्ष मुद्दा ढूंढना चाहता है तो विपक्ष की मदद हम नहीं कर सकते हैं।"
इससे पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संचार साथी ऐप को एक 'जासूसी ऐप' बताया था।∎