बिहार: जनसुनवाई में लोगों का सवाल- 'कागज़ कहां से लाएं?', एसआईआर को झेलनी पड़ी मुश्किल

July 22, 2025
बिहार: जनसुनवाई में लोगों का सवाल- 'कागज़ कहां से लाएं?', एसआईआर को झेलनी पड़ी मुश्किल

बिहार में विशेष पहचान सर्वेक्षण (SIR) की जनसुनवाई के दौरान अधिकारियों को लोगों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। सुनवाई में हिस्सा लेने आए कई नागरिकों ने एक ही सवाल बार-बार दोहराया: "हम कागज़ कहां से लाएं?" यह स्थिति उन चुनौतियों को उजागर करती है, जिनका सामना आम जनता सरकारी योजनाओं या प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक दस्तावेज जुटाने में करती है।

एसआईआर की जनसुनवाई का उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं और शिकायतों को सुनना था, खासकर उन लोगों की जो विभिन्न सरकारी योजनाओं या पहचान संबंधी दस्तावेज़ों से संबंधित मुद्दों का सामना कर रहे हैं। हालांकि, सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में लोग उन दस्तावेजों की कमी के बारे में शिकायत करते दिखे, जो उनकी पहचान या पात्रता साबित करने के लिए अनिवार्य थे।

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एक स्थानीय निवासी ने बताया, "मेरे पास मेरे दादाजी के समय के कुछ पुराने कागजात थे, लेकिन वे अब खराब हो चुके हैं। नए दस्तावेज बनवाने के लिए भी पुराने प्रूफ चाहिए, जो हमारे पास नहीं हैं। ऐसे में हम क्या करें?" कई अन्य लोगों ने भी जन्म प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, या संपत्ति के कागजात जैसे बुनियादी दस्तावेजों को लेकर अपनी परेशानी साझा की।

अधिकारियों ने लोगों की समस्याओं को सुना, लेकिन मौके पर ही कोई तत्काल समाधान दे पाना उनके लिए मुश्किल रहा। इस स्थिति ने ग्रामीण और गरीब तबके के लोगों के लिए दस्तावेज़ों की उपलब्धता और पहुंच के मुद्दे को फिर से सामने ला दिया है। यह दिखाता है कि डिजिटल इंडिया और सुशासन के दावों के बावजूद, ज़मीनी स्तर पर कागज़ातों की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जो नागरिकों को उनके अधिकारों और सरकारी सुविधाओं से वंचित कर सकती है। एसआईआर को अब इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान देना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक केवल कागजात न होने के कारण सरकारी प्रक्रियाओं से बाहर न रह जाए।∎

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