भारत की राजनीति और सामाजिक जीवन में अनेक ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं जिन्होंने अपने जीवन को केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि समाज, राज्य और राष्ट्र की उन्नति के लिए समर्पित कर दिया। ऐसे ही व्यक्तित्वों में एक नाम है सी. पी. राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan) का, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता, सांसद और वर्तमान में झारखंड के राज्यपाल हैं। उनका जीवन संघर्ष, निष्ठा और समाज सेवा की अद्भुत मिसाल है।
पूरा नाम |
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन |
जन्म तिथि |
4 मई 1957 |
जन्मस्थल |
तिरुप्पुर, तमिलनाडु |
शिक्षा |
बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक |
प्रमुख राजनीतिक भूमिकाएँ |
भाजपा तमिलनाडु सचिव (1996) लोकसभा सांसद (1998, 1999) भाजपा तमिलनाडु अध्यक्ष (2004-07) |
प्रशासनिक भूमिकाएँ |
अध्यक्ष, कॉयर बोर्ड (2016–20); भाजपा केरल प्रभारी (2020–22) |
राज्यपाल का कार्यकाल |
झारखंड (2023-24) अतिरिक्त प्रभार तेलंगाना और पुडुचेरी महाराष्ट्र (2024-वर्तमान) |
प्रमुख उपलब्धि |
कॉयर निर्यात को बढ़ाकर ₹2,532 करोड़ किया; 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा का नेतृत्व किया |
एनडीए नामांकन |
भारत के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार (2025) |
सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में हुआ। उनका पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है। एक सामान्य परिवार में जन्म लेने के बावजूद उन्होंने उच्च मूल्यों और संस्कारों को बचपन से ही आत्मसात किया। शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए।
उन्होंने तमिल संस्कृति, भारतीय परंपरा और आधुनिक दृष्टिकोण के बीच संतुलन स्थापित करते हुए अपने जीवन को समाजसेवा के लिए समर्पित किया।
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सी. पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर शुरू हुआ। 1990 के दशक में जब दक्षिण भारत में भाजपा का प्रभाव बहुत सीमित था, तब उन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत से पार्टी को मजबूत करने में अग्रणी भूमिका निभाई।
1998 और 1999 में वे कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। उस समय कोयंबटूर में भाजपा का आधार कमजोर था, लेकिन राधाकृष्णन ने मेहनत और जनता के साथ अपने जुड़ाव से यह सफलता हासिल की।
1998 में कोयंबटूर में भयानक श्रृंखलाबद्ध बम धमाके हुए थे, जिनमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। यह समय राधाकृष्णन के राजनीतिक जीवन का कठिन दौर था। स्वयं उनके परिवार के लोग और करीबी मित्र इस हमले की चपेट में आए।
इसके बावजूद उन्होंने धैर्य और साहस का परिचय देते हुए शहरवासियों को सांत्वना दी और शांति बनाए रखने की अपील की। इस घटना के बाद उनका व्यक्तित्व जनता के बीच और भी मजबूत होकर उभरा।
सी. पी. राधाकृष्णन न केवल सांसद रहे, बल्कि भाजपा संगठन में भी उन्होंने कई जिम्मेदारियां निभाईं।
सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) संबंधी संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी रहे। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जाँच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी रहे।
जुलाई 2021 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। यह पद संभालने के बाद उन्होंने झारखंड की जनता से जुड़कर राज्य की समस्याओं को समझने और समाधान की दिशा में काम शुरू किया।
राज्यपाल के रूप में उनका मुख्य जोर शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिवासी कल्याण और महिला सशक्तिकरण पर रहा। उन्होंने कई विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को संबोधित किया और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
राजनीति से परे, राधाकृष्णन सामाजिक सेवा के कार्यों में भी सक्रिय रहे हैं।
उनका मानना है कि राजनीति का असली उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि जनसेवा है।
सी. पी. राधाकृष्णन का जीवन भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद की गहरी समझ पर आधारित है। वे कहते हैं कि राजनीति सेवा का माध्यम है, और यदि इसे सही ढंग से निभाया जाए तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।
उनकी छवि एक साफ-सुथरे नेता की है, जिन पर कभी भी भ्रष्टाचार या व्यक्तिगत स्वार्थ के आरोप नहीं लगे।
राज्यपाल बनने के बाद उन्होंने झारखंड की विशेष चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया, जिनमें शामिल हैं:
उनके प्रयासों से राज्यपाल भवन आम जनता के लिए अधिक सुलभ हुआ और उनकी सक्रियता को जनता ने सराहा।
सी. पी. राधाकृष्णन के व्यक्तित्व की कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैं:
2004 से 2007 के बीच, श्री राधाकृष्णन तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने 19,000 किलोमीटर की 'रथ यात्रा' की, जो 93 दिनों तक चली। यह यात्रा सभी भारतीय नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अछूत निवारण और नशीले पदार्थों के खतरे से निपटने जैसी उनकी मांगों को उजागर करने के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए दो और पदयात्राओं का नेतृत्व भी किया।
2016 में, श्री राधाकृष्णन को कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, और वे चार वर्षों तक इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में, भारत से कॉयर निर्यात 2532 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया। 2020 से 2022 तक, वे केरल भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी रहे।
सी. पी. राधाकृष्णन भारतीय राजनीति के उन नेताओं में से हैं जिन्होंने व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर जनसेवा को अपना ध्येय बनाया। सांसद, संगठनकर्ता और अब राज्यपाल के रूप में उन्होंने यह सिद्ध किया है कि राजनीति यदि ईमानदारी, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा से की जाए, तो यह समाज के लिए वरदान साबित हो सकती है।
उन्होंने कई देशो की यात्रा भी की है जैसे - अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान की यात्रा की है।
उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है और यह संदेश देता है कि कठिनाइयों और संघर्षों के बीच भी यदि निष्ठा और साहस के साथ आगे बढ़ा जाए तो हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
भारत के उप-राष्ट्रपतियों की सूची – List of Vice Presidents of India |
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भारत के उपराष्ट्रपति – Vice President of India | कार्यालय की अवधि – Tenure |
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सीपी राधाकृष्णन - C. P. Radhakrishnan | 12 सितंबर 2025 – अवलंबी |
जगदीप धनखड़ - Jagdeep Dhankhar | 11 अगस्त 2022 - 21 जुलाई 2025 |
वेंकैया नायडू – Venkaiah Naidu | 11 अगस्त 2017 – 11 अगस्त 2022 |
मोहम्मद हामिद अंसारी – Mohammad Hamid Ansari | 11 अगस्त 2007 – 11 अगस्त 2012 11 अगस्त 2012 – 11 अगस्त 2017 |
भैरों सिंह शेखावत – Bhairon Singh Shekhawat | 19 अगस्त 2002 – 21 जुलाई 2007 |
कृष्णकांत – Krishan Kant | 21 अगस्त 1997 – 27 जुलाई 2002 |
केआर नारायणन – K. R. Narayanan | 21 अगस्त 1992 – 24 जुलाई 1997 |
शंकर दयाल शर्मा – Shankar Dayal Sharma | 3 सितंबर 1987 – 24 जुलाई 1992 |
आर वेंकटरमन – R. Venkataraman | 31 अगस्त 1984 – 24 जुलाई 1987 |
मोहम्मद हिदायतुल्लाह – Mohammad Hidayatullah | 31 अगस्त 1979 – 30 अगस्त 1984 |
बीडी जत्ती – B. D. Jatti | 31 अगस्त 1974 – 30 अगस्त 1979 |
गोपाल स्वरूप पाठक – Gopal Swarup Pathak | 31 अगस्त 1969 – 30 अगस्त 1974 |
वीवी गिरि – V. V. Giri | 13 मई 1967 – 3 मई 1969 |
जाकिर हुसैन – Zakir Hussain | 13 मई 1962 – 12 मई 1967 |
सर्वपल्ली राधाकृष्णन – S. Radhakrishnan | 13 मई 1952 – 12 मई 1957 13 मई 1957 – 12 मई 1962 |
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