अन्ना हजारे - Anna Hazare

Diksha Sharma
June 15, 2025
अन्ना हजारे - Anna Hazare

अन्ना हज़ारे, जिनका असली नाम किसन बाबूराव हज़ारे है, भारत के एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और ग्राम विकास के प्रतीक हैं। वे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में वर्ष 2011 में दिल्ली में चलाए गए जन आंदोलन ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया और उन्हें एक गांधीवादी नेता के रूप में पहचान दिलाई।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

अन्ना हज़ारे का जन्म 15 जून 1937 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के भिंगार गाँव में हुआ था। उनका बचपन गरीबी में बीता। पढ़ाई में रुचि होने के बावजूद आर्थिक तंगी के कारण उन्हें विद्यालय छोड़ना पड़ा। बाद में उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा की।

सेना से समाज सेवा तक

अन्ना ने 1960 के दशक में भारतीय सेना में ड्राइवर के रूप में काम किया। 1965 की भारत-पाक युद्ध में उन्होंने भाग लिया और देश की सेवा की। सेना से रिटायर होने के बाद वे अपने गांव रालेगण सिद्धि लौटे और वहां से समाज सेवा का कार्य शुरू किया।

ग्राम विकास की शुरुआत

रालेगण सिद्धि एक पिछड़ा और सूखा प्रभावित गांव था। अन्ना ने वहां जल संरक्षण, शिक्षा, नशाबंदी, सामूहिक विवाह, और ग्राम स्वराज की दिशा में कार्य किया। उन्होंने गांव को एक आदर्श गांव में बदल दिया। यह प्रयोग बाद में पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन गया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन

अन्ना हज़ारे को देशभर में प्रसिद्धि वर्ष 2011 में लोकपाल विधेयक के लिए शुरू किए गए आंदोलन से मिली। उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल की और लाखों लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट किया। इस आंदोलन को "इंडिया अगेंस्ट करप्शन" नाम से जाना गया। इस जन आंदोलन ने केंद्र सरकार को लोकपाल बिल पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया।

पुरस्कार और सम्मान

अन्ना हज़ारे को उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कार मिले हैं:

  • पद्म भूषण (1992)
  • पद्म श्री (1990)
  • कई सामाजिक संगठनों द्वारा सम्मानित

व्यक्तित्व और विचारधारा

अन्ना हज़ारे एक सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं। वे महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों से प्रेरित हैं। उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया और अपना जीवन समाज सेवा को समर्पित कर दिया। वे शराबबंदी, जातिवाद विरोध और पारदर्शिता के प्रबल समर्थक हैं।

अन्ना हज़ारे भारत के उन विरले समाजसेवियों में से हैं जिन्होंने न केवल गांव को बदला बल्कि पूरे देश को जागरूक किया। उनके आंदोलन ने जनता को यह विश्वास दिलाया कि आम आदमी भी बदलाव ला सकता है। अन्ना आज भी एक प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं और युवाओं को ईमानदारी और जनसेवा की राह पर चलने का संदेश देते हैं।

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